eid mubarak

Eid Mubarak poem

Eid poem in hindi



ईद का चांद है नजर आया सुभानल्लाह
क्या नूर उसने उस चांद ने पाया माशाल्लाह

दुनिया है सजदे में सर झुकाए
दुआ हर किसी की कुबूल हो इंशाअल्लाह

ईद पर ख़ुशियों का आना लाज़मी ही था
इस ईद पर ईदी भी दुगनी मिले वल्लाह वल्लाह

घर से ही देंगे मुबारक बाद इस साल
अपनों को संभल ले हर बंदे को सदके रसूल के अल्लाह

सबको ईद की मुबारक बाद देता है
ख़ुश रहिये आबाद रहिये जज़ाकल्लाह..



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