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हेलो दोस्तों, मैं कृष्णा, हाज़िर हूँ एक और fake love shayari कविता लेकर ! आज की ये कविता प्यार मोहब्बत की सच्चाई बताने के लिए लिखी है तो चलिए सफर शुरू करते हैं !
था इश्क़ जिन्हें, वो तबाह हुए,
है बचा कोन ये बतला दो ।
तुम अपने हिस्से का आसमां संभालो,
अंजुम को तो बादलों संग उड़ना है ।
कई रातें गुज़री आवारगी में,
दिन होते ही अब घर को मुड़ना है ।
हों गुलज़ार भले कितने ही गुलशन,
गूल-ए-बहार को खीज़ा में तो झड़ना है ।
इंसानों से झगड़ा कहाँ रहा ये अब,
\’अंजुम\’ को तो ख़ुद के इमां से लड़ना है ।
वो झूठा था या इश्क़ मेरा झूठा,
अब इस मसले में किसे पड़ना है ।
तो ये रही मेरी कुछ खामोशियों में लिखी हुई शायरी. मै आशा करता हु आपको ये बहुत पसंद आयी होगी. अगर हाँ तो इस लिंक पे क्लिक करके और new fake love shayari पढ़ें !